इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मो.शाहिद सस्पेंड,,जमातियों को शरण दिलाने के आरोप में जेल गए हैं प्रोफेसर शाहिद,,
- तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के कार्यक्रम से लौटे प्रफेसर शाहिद के खिलाफ पुलिस ने महामारी ऐक्ट (Epidemic act) समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है।
- तबलीगी जमात के कार्यक्रम से लौटे इलाहाबाद यूनिवर्सिटी केे प्रोफेसर सस्पेंड
- जानकारी छिपाने और जमातियों को शरण दिलाने के आरोप में जेल गए हैं प्रोफेसर शाहिद
- प्रफेसर शाहिद जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे लेकिन लौटने के बाद जानकारी नहीं दी
- यूनिवर्सिटी में कई दिन तक छात्रों, शिक्षकों और अन्य स्टाफ से भी की थी मुलाकात
प्रयागराज ।
लगातार चेतावनी के बाद भी जानकारी छिपाने और विदेशियों को शरण देने वाले इलाहाबाद यूनिवर्सिटी (Allahabad University) के प्रफेसर मोहम्मद शाहिद (Professor Shahid) को सस्पेंड कर दिया गया है। दिल्ली में आयोजित तबलीगी जमात (Tablighi Jamaat) के कार्यक्रम में शामिल होकर लौटे प्रफेसर के खिलाफ प्रयागराज की शिवकुटी पुलिस ने महामारी ऐक्ट (Epidemic Act) समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है और उन्हें जेल भी भेज दिया गया है।
प्रफेसर शाहिद के खिलाफ 9 अप्रैल को एफआईआर दर्ज हुई थी और 21 अप्रैल को गिरफ्तार करने के बाद अगले दिन उन्हें जेल भेज दिया गया था। प्रफेसर पर निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने की जानकारी छिपाने और जमातियों को प्रयागराज की मस्जिद में ठहराने के मामले में दो थानों में दो अलग-अलग मुकदमे दर्ज किए गए।
पहला मुकदमा जमात के कार्यक्रम में शामिल होने की जानकारी छिपाने के आरोप में महामारी ऐक्ट के तहत शिवकुटी थाने में दर्ज कराया गया है। दूसरा मुकदमा शाहंगज थाने में जमातियों को शेख अब्दुल्ला मस्जिद में ठहराने के आरोप में दर्ज कराया गया है। जिन विदेशी जमातियों को प्रफेसर शाहिद ने मस्जिद में रुकवाया था, उनमें से एक जांच में पॉजिटिव आया था। राहत की बात यह रही कि प्रफेसर शाहिद जांच में नेगेटिव आए।
इससे पहले प्रफेसर मोहम्मद शाहिद समेत 30 जमातियों और उनके मददगारों को अस्थायी जेल में शिफ्ट किया गया था। इनमें 16 विदेशी जमाती भी शामिल हैं। फिलहाल पुलिस ने प्रफेसर शाहिद के साथ ही विदेशी जमातियों और उनको शरण देने वालों को जेल भेज दिया है। इसकी जानकारी आधिकारिक रूप से मिलने के बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने प्रफेसर को निलंबित कर दिया है।
प्रोफेसर पर जमातियों की मदद करने का आरोप
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के प्रफेसर मोहम्मद शाहिद पिछले महीने नई दिल्ली में हुई जमात में शामिल हुए थे। जमात से लौटने के बाद वह कई दिन यूनिवर्सिटी गए थे। दो दिन में उन्होंने तकरीबन साढ़े तीन सौ स्टूडेंट्स की परीक्षा भी ली थी। इसके अलावा वह कई शिक्षकों, कर्मचारियों और बाहरी लोगों से भी मिले थे।
सरकार और प्रशासन की अपील के बावजूद प्रफेसर शाहिद ने जमात में शामिल होने की बात छिपाकर रखी थी। उन्हें 8 अप्रैल की रात को पुलिस ने घर से पकड़कर क्वारंटीन सेंटर भेजा था। प्रफेसर शाहिद ने ही इंडोनेशिया से आए आठ विदेशी समेत नौ जमातियों को प्रयागराज की अब्दुल्ला मस्जिद में छिपकर रहने में मदद की थी। उनकी सिफारिश पर ही इन नौ जमातियों को मस्जिद में जगह मिली थी।
Comments
Post a Comment