कोरोना के बारे में आशा कार्यकर्ताएं घर-घर दस्तक देकर कर रहीं हैं लोगों को जागरूक
- जिले के नौ ब्लाकों में चल रहा है कोरोना जागरुकता के लिए दस्तक अभियान
- प्रक्रियाओं का कर रही हैं प्रदर्शन, कोरोना के भय को भी कर रही हैं लोगों से दूर
संतकबीरनगर । संचारी रोगों तथा कोरोना को लेकर जिले में चलाये जा रहे दस्तक अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता जनता को कोरोना के प्रति जागरुक करने के साथ ही उनके दिलों में कोरोना को लेकर व्याप्त डर को भी दूर कर रही हैं। आशा कार्यकर्ता लोगों को कोरोना से बचने के उपाय सुझा रही हैं, साथ ही यह दिलासा भी दे रही हैं कि कोरोना से डरें नहीं, बल्कि जागरुक होकर कोरोना से बचने के लिए दिए जा रहे सुझावों पर अमल करते रहें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हरगोविन्द सिंह के निर्देशन में जिले में चल रहे दस्तक अभियान के दौरान आशा कार्यकर्ता लोगों को हाथ धुलने का सही तरीका बता रही हैं। साथ ही इस बात की भी जानकारी दे रही हैं कि वह किस तरह से छोटे – छोटे उपायों को अमल में लाकर कोरोना जैसी बीमारी को दूर भगा सकते हैं। वह इन तरीकों का सार्वजनिक प्रदर्शन करने के साथ ही जागरुकता सम्बन्धी पम्पलेट भी लोगों को दे रही हैं। आशा संगिनी सरोज यादव ने बताया कि कोरोना को लेकर दिए गए प्रशिक्षण में बताई गई बातों के साथ लोगों को इस बात का भी भरोसा दिलाया जा रहा है कि वह बेवजह कोरोना को लेकर कोई भ्रम न फैलाएं । अभी तक जिले में कोई संक्रमित व्यक्ति नहीं मिला है। विदेश से आए हुए लोगों से 28 दिनों तक दूरी बनाए रखें। अपने हाथों को पूरे 20 सेकेण्ड तक अच्छे से धोएं। फिलहाल पिछले डेढ़ माह से जिले में कोरोना को लेकर चल रहे जागरुकता अभियान का असर यह हुआ है कि अभी तक कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित नहीं हुआ है |
आशा कार्यकर्ताओं को मिला है बेहतर प्रशिक्षण
जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि जिले में आशा कार्यकर्ताओं को दस्तक अभियान के लिए बेहतर तरीके से प्रशिक्षण दिया जा चुका है। आशा कार्यकर्ताओं की टीम ने पूरे जनपद में कोरोना के डर को दूर करने के लिए दस्तक अभियान चलाया है। वह घर घर जाकर लोगों को कोरोना से बचने के लिए सुझाए गए उपायों के बारे में जागरुक करने में जुटी हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग की पहली सीढ़ी आशा कार्यकर्ता कोरोना के भय को दूर करने में अपनी बेहतर भूमिका का निर्वहन कर रही हैं।
जिले में कोरोना से कोई नहीं है संक्रमित
कोरोना को लेकर बनाई गई रैपिड रिस्पांस टीम के प्रभारी डॉ ए के सिन्हा ने बताया कि अभी तक जिले में विदेश से आए 19 लोगों में से 18 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इनमें से 16 को 28 दिन की निगरानी की जा चुकी है। केवल एक व्यक्ति जो मलेशिया से आया है, उसकी निगरानी चल रही है। किसी के भी अन्दर कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं। एक व्यक्ति की सूचना मिली है कि वह महुली थानाक्षेत्र के मुखलिसपुर का निवासी है। लेकिन मुखलिसपुर में पूरी तरह से खोजने के बाद से अभी तक कोई भी उस नाम का व्यक्ति मिला नहीं है।
कोरोना से बचाव के लिए क्या करें
कोरोना वायरस से बचाव के लिए हाथों को बार-बार साबुन और साफ पानी से अच्छी तरह धोएं। खांसते और छींकते समय नाक और मुंह को टिश्यू पेपर या रूमाल से ढंकें। इस्तेमाल किए टिश्यू पेपर को कूड़ेदान में ही फेंकें। अगर खांसी या बुखार के लक्षण हो या सांस लेने में तकलीफ हो तो तुरंत नजदीक के सरकारी अस्पताल पर जाएं। खांसी बुखार या सांस लेने में दिक्कत होने पर और लक्षण समाप्त होने तक घर पर ही आराम करें। लोगों से कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखें।
कोरोना से बचने के लिए क्या न करें
कोरोना से बचने के लिए जरुरी एहतियात यह है कि सार्वजनिक और खुले स्थान पर न थूकें। बेवजह अपनी आंखें, नाक या मुँह न छुएं। छूने के बाद हमेशा हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोएं। खांसी या बुखार के लक्षण होने पर या सांस लेने में तकलीफ होने पर सार्वजनिक स्थानों पर न जाएँ और लोगों से निकट संपर्क न करें तथा सीधे स्थानीय स्वास्थ्य इकाई पर जाएं।
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